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दीवाली पर गौरव चौहान की कविता से बवाल, विरेंद्र सिंह हुड़ील का जयपुर राजघराने की ओर से पलटवार

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उदयपुर। दीवाली के मौके पर कवि गौरव चौहान की एक कविता ने राजपूत समाज में हलचल मचा दी है। उदयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान चौहान ने अपनी कविता में जयपुर राजघराने के महाराजा मान सिंह का जिक्र करते हुए कहा, “मान सिंह के करतूतों से हम अब तक शर्मिंदा हैं।” इस बयान से राजपूत समाज में नाराजगी फैल गई, और समाज के कई लोग इसे अपने पूर्वजों का अपमान मान रहे हैं।

जयपुर से चर्चित अधिवक्ता विरेंद्र सिंह हुड़ील ने इस बयान पर कड़ी नाराजगी जताते हुए तुरंत सोशल मीडिया पर एक चेतावनी भरा वीडियो जारी किया। वीडियो में उन्होंने साफ कहा, “हमारे राजाओं और पूर्वजों का नाम लेकर जयपुर राजघराने को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। जल्द ही इसका जवाब उसी भाषा में दिया जाएगा।”

गौरव चौहान ने विवाद के बाद एक वीडियो में माफी मांगते हुए खुद को राजनीति का शिकार बताया और कहा कि वह दबाव में यह कविता पढ़ने के लिए मजबूर हो गए थे। हालांकि, इस सफाई के बावजूद राजपूत समाज का गुस्सा शांत नहीं हुआ है।

दीवाली के जश्न के बीच शुरू हुआ यह विवाद अब और तूल पकड़ता जा रहा है। समाज के लोग इस मुद्दे पर और भी खुलासे की मांग कर रहे हैं, और जानना चाहते हैं कि इसके पीछे किन लोगों का हाथ है। विरेंद्र सिंह हुड़ील ने समाज से एकजुट रहने की अपील की है और वादा किया है कि जल्द ही इस मामले का जवाब दिया जाएगा।

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