कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटीकृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी

Jaipur News : कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी में चल रही चुनावी प्रक्रिया में एक नया मोड़ आ गया है। मिलीभगत के आरोपों और मुख्य चुनाव अधिकारी के इस्तीफे के बाद सोसाइटी में चुनाव प्रक्रिया अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए संबंधित पक्षों को तलब किया है।

मिलीभगत के आरोप

कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी के कुछ सदस्यों ने वर्तमान कार्यकारिणी पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि चुनाव प्रक्रिया को जानबूझकर बाधित किया गया ताकि वर्तमान पदाधिकारी अपने पदों पर बने रह सकें। आरोपों के मुताबिक, चुनाव के दौरान वित्तीय अनियमितताएं भी सामने आई हैं, जिससे निवासियों में चिंता और बढ़ गई है।

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मुख्य चुनाव अधिकारी का इस्तीफा

मुख्य चुनाव अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) नवीन ढाका ने 25 मई 2024 को अपना इस्तीफा अकारण, पूर्व पदाधिकारियों को, जो वर्तमान प्रत्याशी भी हैं, सौंप दिया था। उन्होंने इस्तीफे में स्पष्ट किया कि चुनावी प्रक्रिया में उत्पन्न कानूनी और वैचारिक मतभेदों के कारण वे इस पद को संभालने में असमर्थ हैं। उनके इस्तीफे के बाद, कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी में चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से रुक गई है।

चुनाव प्रक्रिया स्थगित

चुनाव अधिकारियों ने 26 मई 2024 को होने वाले चुनाव को स्थगित कर दिया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना सर्वसम्मति के किसी भी निर्णय को लागू करना संभव नहीं है। इस स्थिति ने सोसाइटी के निवासियों को असमंजस में डाल दिया है।

कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी
कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी

कोर्ट ने किया तलब

कॉलोनी के सदस्यों का आरोप है कि चुनाव रद्द करने की कोशिश में मुख्य चुनाव अधिकारी और कुछ पदाधिकारियों की मिलीभगत है। इस आरोप के बाद कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी में तनाव का माहौल बन गया है और चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। चुनाव की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए कई सदस्य कोर्ट पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई।

चुनावी प्रक्रिया में उत्पन्न विवादों के कारण, कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया है और संबंधित पक्षों को तलब किया है। कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई करेगा और उचित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।

कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी में चुनावी प्रक्रिया अब अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है। मिलीभगत के आरोप, वित्तीय अनियमितताएं और मुख्य चुनाव अधिकारी का इस्तीफा इस पूरी प्रक्रिया को और भी जटिल बना दिया है। कोर्ट के आदेश का इंतजार अब सभी सदस्यों के लिए महत्वपूर्ण होगा ताकि इस विवाद का समाधान हो सके और सोसाइटी में शांति और निष्पक्षता की स्थापना हो सके।

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