Adivasi Hair Oil: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें तथाकथित “आदिवासी हेयर ऑयल” के नाम पर चल रहे एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया गया है। इस वीडियो में डॉ. अशोक सिन्हा ने गहन शोध के बाद कई चौंकाने वाले दावे किए हैं, जो सीधे तौर पर सोनू सूद, भारती सिंह जैसे लोकप्रिय हस्तियों द्वारा प्रमोट किए गए उत्पादों पर सवाल उठाते हैं। डॉ. सिन्हा के अनुसार, यह घोटाला न केवल उपभोक्ताओं को बल्कि सरकार को भी चूना लगा रहा है।
क्या है इस घोटाले का सच?
- एफडीए नियमों की धज्जियां: वीडियो में दावा किया गया है कि आदिवासी तेल अक्सर एल्युमिनियम के बर्तनों में बनाया जाता है, जो FDA द्वारा अनुमोदित नहीं है। एल्युमिनियम तेल में घुल सकता है और बालों की जड़ों तक पहुंचकर गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
- संदिग्ध सामग्री और गुणवत्ता: वीडियो में दिखाया गया है कि विभिन्न सेलिब्रिटीज द्वारा प्रचारित तेलों का रंग एक समान है, जबकि असल में नारियल, बादाम और अरंडी के तेल का रंग अलग-अलग होता है। इससे मिलावट की आशंका पैदा होती है। साथ ही, तेल बनाने की प्रक्रिया में तापमान नियंत्रण की कमी और अस्वच्छ उत्पादन स्थितियां भी चिंता का विषय हैं।
- झूठे दावे और मैन्यूफ़ैक्चरिंग लाइसेंस की कमी: वीडियो में यह भी दावा किया गया है कि बाजार में उपलब्ध अधिकांश आदिवासी तेलों में कोई लाइसेंस नंबर या प्रमाणपत्र नहीं होता है, जो उनकी प्रामाणिकता पर सवाल खड़ा करता है। इसके अलावा, इन तेलों में 100 से अधिक जड़ी-बूटियों के होने के दावे भी संदेहास्पद हैं।
- सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट पर सवाल: वीडियो में उन सेलिब्रिटीज पर भी सवाल उठाए गए हैं जिन्होंने इन उत्पादों का प्रचार किया है। क्या उन्होंने इन उत्पादों की पूरी तरह से जांच की थी या वे सिर्फ पैसे के लिए इनका प्रचार कर रहे थे?
आदिवासी हेयर ऑयल: एक ही चेहरा, अनेक ब्रांड, और अनगिनत झूठ!
इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों में आक्रोश है। लोग उन सेलिब्रिटीज से जवाब मांग रहे हैं जिन्होंने इन उत्पादों का प्रचार किया है। साथ ही, सरकार से भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
आगे क्या?
यह वीडियो एक बड़ा सवाल खड़ा करता है: क्या हम उन उत्पादों पर आंख मूंदकर भरोसा कर सकते हैं जिनका प्रचार हमारे पसंदीदा सेलिब्रिटी करते हैं? क्या सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई करेगी? क्या सेलिब्रिटीज अपनी सफाई देंगे? क्या जनता का गुस्सा शांत होगा? ये सवाल अभी अनुत्तरित हैं। लेकिन एक बात तो तय है कि इस वीडियो ने तथाकथित “आदिवासी हेयर ऑयल” के कारोबार पर एक बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है।
प्रसिद्ध हेयर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. अशोक सिन्हा ने एक नया खुलासा किया है। उन्होंने आदिवासी हेयर ऑयल के दावों पर सवाल उठाते हुए एक वीडियो जारी किया है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
डॉ. सिन्हा ने अपने वीडियो में हाल में चर्चित, बड़े हस्तियों द्वारा प्रचारित आदिवासी हेयर ऑयल की सच्चाई को उजागर किया है। उन्होंने बताया कि इस तेल के विज्ञापनों में बालों के झड़ने को रोकने और नए बाल उगाने जैसे दावे किए जाते हैं, जो कि पूरी तरह से झूठे हैं।
एक ही चेहरा, अनेक ब्रांड, और अनगिनत झूठ!
डॉ. सिन्हा के खुलासे के बाद यह भी सामने आया है कि एक ही व्यक्ति कई अलग-अलग ब्रांड के आदिवासी हेयर ऑयल का प्रचार कर रहा है। यह व्यक्ति हर वीडियो में अलग-अलग ब्रांड के तेल को “ऑरिजिनल” बताता है, लेकिन असलियत में इनमें से किसी भी तेल के पास आयुष मंत्रालय का लाइसेंस, राज्य के ड्रग कंट्रोलर से मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत पंजीकरण, गुणवत्ता नियंत्रण लाइसेंस, या लैब टेस्ट रिपोर्ट नहीं है।
आयुर्वेद के नाम पर धोखा!
यह तेल आयुर्वेदिक होने का दावा करता है, लेकिन इसकी बनाने की विधि आयुर्वेद के सिद्धांतों के बिल्कुल विपरीत है। इस तेल में इस्तेमाल होने वाली सामग्री, बनाने की विधि, और इसके संभावित दुष्प्रभावों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाती है।